दोस्तों पुल को बनाते हुए सब लोगों ने देखे ही होंगे,पुल कैसे बनाया जाता है, कौन कौन सी गाड़ियों की जरूरत पड़ती है?पुल को ज़मीन पर बनाते हुए सब देखे है, लेकिन आज हम एक एसी पुल के निर्माण के बारे में बताने वाले है, जो जमीन पर नहीं बल्कि चलती हुई नदी पर बनाया जाता है, इस पुल निर्माण को देखकर आप हैरानी होगी जरूर होगी, कि आखिरकार इस पुल को चलती हुई पानी में कैसे बनाया जाता है? तो चलिए शुरू करते है :-
दोस्तों पुल हमारी ज़िन्दगी का एक अहम हिस्सा होती है, जिसे नदियों से पार करने के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण होती है! आप लोगों मे से ऎसे पुल जरूर देखे होंगे जो नदियों के ऊपर या समुद्र के ऊपर होती है तो उन्हे सपोर्ट देने के लिए पिलर की जरूरत होती है! लेकिन ये पिलर पानी के अंदर होती है! आप लोगों के मन में ये सवाल जरूर आती होगी कि आखिर इस पिलर को कैसे बनाया जाता है? तो ऎसे तेज बहाव वाले नदियों में इंजीनियर लोग एक इसे स्ट्रक्चर बनाते है, जिसे ''cofert dame ''बोलते हैं! इसे एक सर्कल के रूप मे अलाइन किया जाता है! तो ये स्टील के छोटे छोटे सर्कल बनाया जाता है जिसे हम cofert dame बोलते हैं
जब ये सर्कुलर बन जाता है, तो यह जब ये सर्कुलर बन जाता है, तो यह एक ट्यूब जेसा हो जाता है! और क्रेन के जरिए पानी के अंदर डाल दिया जाता है! और इसे एक भारी मशीन के जरिए बारी बारी से स्टील के प्लेट को धीरे धीरे से दबा दिया जाता है, ताकि ये प्लेट जमीन के अंदर फिट हो जाए! उसके बाद इसके अन्दर जो पानी भरा हुआ रहता है उसे पंप के माध्यम से पानी को बाहर निकाल दिया जाता है! ताकि ज़मीन सुख जाए! अब हमें पूरी तरह से सुखी ज़मीन मिल जाती है, जहां पर हम एक अच्छी स्ट्रक्चर बनाने के जगह मिल जाती है!
अब क्षड़ा, सीमेंट से स्ट्रक्चर को बनाने जाता है! अब पिलर पूरी तरह से सुख जाने के बाद cofert dame को क्रेन के माध्यम से फिट किया जाता है! यदि बहुत बड़ा पिलर बनाना है तो उस कंडिशन में इंजीनियर cofert dame के नीचे लोहे के गोल गोल रोड डाल देते है
जिसे काफी दूर ले जाया जा सके! और इसे कही दूर ले जाना हो तो इसे थोड़ा फलईंटिंग बनाया जाता है, ताकि उसे काफी दूर तक ले जाने मे सुविधा हो सके! और वहां ले जाने के बाद वहां पर क्रेन के जरिए फिटिंग किया जाता है! तो इस तरह से चलती हुई नदी में पिलर बनाया जाता है! आशा करते हैं कि ये जानकारी आप लोगों को अच्छी लगी होगी!
दोस्तों पुल हमारी ज़िन्दगी का एक अहम हिस्सा होती है, जिसे नदियों से पार करने के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण होती है! आप लोगों मे से ऎसे पुल जरूर देखे होंगे जो नदियों के ऊपर या समुद्र के ऊपर होती है तो उन्हे सपोर्ट देने के लिए पिलर की जरूरत होती है! लेकिन ये पिलर पानी के अंदर होती है! आप लोगों के मन में ये सवाल जरूर आती होगी कि आखिर इस पिलर को कैसे बनाया जाता है? तो ऎसे तेज बहाव वाले नदियों में इंजीनियर लोग एक इसे स्ट्रक्चर बनाते है, जिसे ''cofert dame ''बोलते हैं! इसे एक सर्कल के रूप मे अलाइन किया जाता है! तो ये स्टील के छोटे छोटे सर्कल बनाया जाता है जिसे हम cofert dame बोलते हैं
जब ये सर्कुलर बन जाता है, तो यह जब ये सर्कुलर बन जाता है, तो यह एक ट्यूब जेसा हो जाता है! और क्रेन के जरिए पानी के अंदर डाल दिया जाता है! और इसे एक भारी मशीन के जरिए बारी बारी से स्टील के प्लेट को धीरे धीरे से दबा दिया जाता है, ताकि ये प्लेट जमीन के अंदर फिट हो जाए! उसके बाद इसके अन्दर जो पानी भरा हुआ रहता है उसे पंप के माध्यम से पानी को बाहर निकाल दिया जाता है! ताकि ज़मीन सुख जाए! अब हमें पूरी तरह से सुखी ज़मीन मिल जाती है, जहां पर हम एक अच्छी स्ट्रक्चर बनाने के जगह मिल जाती है!
अब क्षड़ा, सीमेंट से स्ट्रक्चर को बनाने जाता है! अब पिलर पूरी तरह से सुख जाने के बाद cofert dame को क्रेन के माध्यम से फिट किया जाता है! यदि बहुत बड़ा पिलर बनाना है तो उस कंडिशन में इंजीनियर cofert dame के नीचे लोहे के गोल गोल रोड डाल देते है
जिसे काफी दूर ले जाया जा सके! और इसे कही दूर ले जाना हो तो इसे थोड़ा फलईंटिंग बनाया जाता है, ताकि उसे काफी दूर तक ले जाने मे सुविधा हो सके! और वहां ले जाने के बाद वहां पर क्रेन के जरिए फिटिंग किया जाता है! तो इस तरह से चलती हुई नदी में पिलर बनाया जाता है! आशा करते हैं कि ये जानकारी आप लोगों को अच्छी लगी होगी!
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